हरियाणा दिवस, जो हर साल 1 नवंबर को मनाया जाता है, हरियाणा राज्य के गठन की वर्षगांठ को चिह्नित करता है। यह दिन हरियाणा के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन 1966 में हरियाणा आधिकारिक तौर पर पंजाब से अलग होकर एक स्वतंत्र राज्य बना। 2024 में, हरियाणा दिवस शुक्रवार, 1 नवंबर को मनाया जाएगा।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
अप्रैल 1966 में, भारतीय सरकार ने एक आयोग का गठन किया, जिसका उद्देश्य पूर्वी पंजाब का सर्वेक्षण करना और हरियाणा के नए राज्य की सीमाओं का निर्धारण करना था। इस आयोग की रिपोर्ट मई 1966 में प्रस्तुत की गई, जिसके अनुसार कई सिफारिशें लागू की गईं। चंडीगढ़ को दोनों राज्यों की ‘संयुक्त राजधानी’ के रूप में चुना गया, जो कि भाषा समूहों के आधार पर नहीं था, लेकिन यह निर्णय महत्वपूर्ण था।
उत्सव का महत्व
हरियाणा, जिसकी जनसंख्या लगभग 25 मिलियन है, हरियाणा दिवस को उत्साह और जोश के साथ मनाता है। इस दिन राज्य भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे साइकिल रेस, पैदल दौड़, और फूड फेस्टिवल। सार्वजनिक इमारतें खूबसूरत रोशनी और सजावट से सजी होती हैं, जिससे वातावरण में उत्सव का माहौल बनता है।
उत्सव की गतिविधियाँ
हरियाणा दिवस के अवसर पर कई रोमांचक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं:
साइकिल रैलियां: चंडीगढ़ से पंचकूला तक साइकिल रैलियां होती हैं, जहां प्रतिभागी खुशी-खुशी भाग लेते हैं।
खाद्य उत्सव: राज्यभर के पर्यटक केंद्रों में पकवान प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं, जिसमें स्थानीय व्यंजनों का प्रदर्शन किया जाता है।
रक्तदान शिविर: इस दिन स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए रक्तदान शिविर भी लगाए जाते हैं।
संगीत कार्यक्रम: शाम को सांस्कृतिक संगीत प्रदर्शन होते हैं, जो हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं।
सांस्कृतिक धरोहर
हरियाणा की सांस्कृतिक विविधता इसे विशेष बनाती है। यहां की लोक कला, संगीत, और नृत्य परंपराएं इस राज्य की पहचान हैं। हरियाणा दिवस के कार्यक्रम इन परंपराओं को जीवित रखते हैं और युवा पीढ़ी को अपने सांस्कृतिक इतिहास से जोड़ते हैं।